रविवार, 11 दिसंबर 2016

विद्यार्थी जीवन में कॅालेज और शिक्षा का महत्व भाग-१

Posted by बेनामी

विद्यार्थी जब अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेता है तो उसका समय कॅालेज में प्रवेश लेने का आता है। यहाँ प्रत्येक विद्यार्थी को संकाय या विषय चुनने जैसी समस्याओं का सामना तो शायद ही करना पड़ता है। लेकिन ज्यादातर विद्यार्थीयों को कॅालेज की पढ़ाई करने अपने गांव या शहर को छोड़कर दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। प्रमुखत् यह समस्या गाँवों में रहने वाले बच्चों के लिए अधिक रहती है,क्योंकि गाँवों में कॅोलेज जैसी सुविधा का अभाव होता है। तो ऐसे में विद्यार्थियों के लिए शहर और बाहर रहकर पढ़ने में घर से दूर रहने की समस्या और यदि हमारे परिवार की स्थिति अच्छी नहीं है तो आर्थिक समस्या से जूझना पड़ता है। आम तौर पर यही होता है कि यदि हमारे परिवार की स्थिति कमजोर है या फिर हमें घर से बाहर रहने में दिक्कत है तो हम चाहकर भी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, जिससे हम अपने आगे की पढ़ाई को महत्व नहीं देते हैं। ऐसे में हमारे पास केवल दो ही रास्ते बचते हैं कि या तो पढ़ाई छोड़ दी जाए या फिर घर पर रहकर सीधे प्राइवेट फॅार्म द्वारा पढ़ाई करें और स्वयं को किसी छोटे -मोटे रोजगार से जोड़ लें। परन्तु ऐसा करना शायद हमारे लिए कुछ हद तक गलत साबित हो। स्वयं को छोटे -बड़े रोजगार से जोड़ लेने के बाद हम स्वयं की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते और रोजगार की छोटी राशि पर गुजारा करने लगते हैं। लेकिन समय के साथ -साथ जरूरतें बढ़ती हैं तो उस मामूली राशि से हमारा गुजारा करना भी मुश्किल हो जाता है परन्तु कम शिक्षित होने की वजह से हम भविष्य में कोई अच्छा रोजगार भी नहीं ढूंढ पाते। मुख्यतः ऐसी समस्या से लड़कों की बजाय लड़कियों को अधिक सामना करना पड़ता है,क्योंकि जब लड़कियां अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेती है, और जब कॅालेज में प्रवेश लेने का समय आता है तो घर के सदस्य उनकी पढ़ाई इस भय से छुड़वा देते हैं कि लड़की को घर से दूर भेजना सही नहीं होगा या फिर अकेली लड़की को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यह सिर्फ गलत मानसिकता है, जिस वजह से एक लड़की का भविष्य खराब हो जाता है। और यदि लड़की पढ़ाई में प्रतिभाशाली है तो भी वह चाहकर भी अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाती। इसलिए बहुत जरूरी है कि लड़को के साथ -साथ लड़कियों को भी पढ़ने की पूर्ण आजादी दी जाए,यदि माता -पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर अच्छे और सफल नागरिक बने, तो उन्हें प्रत्येक कदम पर अपने बच्चों का साथ देना होगा चाहे वह लड़का हो या लड़की । लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब हम अपनी सोच को बदलेंगे हमें अपने दिमाग से बूरे विचारों को निकालना होगा तो ही हम विद्यार्थी के अच्छे भविष्य की कल्पना कर सकते हैं। इस लेख का दूसरा भाग हम आगे की पोस्ट (विद्यार्थी जीवन में कॅालेज और शिक्षा का महत्व भाग-२)में पढ़ेंगे।

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