बुधवार, 21 दिसंबर 2016

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व

Posted by बेनामी
3. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व
प्रिय विद्यार्थीयो आज हम बात करने जा रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति और विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है और अनुशासन क्या है अधिक से अधिक शिक्षा प्राप्त कर लेने के पश्चात् भी हम यह नहीं कह सकते कि हम अनुशासन से परिपूर्ण हैं अर्थात् शिक्षा हमें केवल अनुशासन के लिए प्रेरित कर सकती है। और अनुशासन जितना शिक्षित व्यक्ति के लिए जरूरी है उतना ही अशिक्षित व्यक्ति के लिए भी अर्थात् प्रत्येक मनुष्य जीवन के लिए अनुशासित होना अत्यंत जरूरी है:-
"अनुशासन वह पौधा है जिसके 'अच्छे व्यवहार' और 'अच्छे नजरिये' नामक
दो फूल हमेशा खीले रहते हैं"

अनुशासन सीखने के लिए हमें न तो अच्छे आभूषणों एवं वस्त्रों की जरूरत है न ही किसी दवा - दारु की। बल्कि अनुशासन सीखने का पहला कदम यही होगा कि हम स्वयं की गलतियों को करें और उनमें सुधार करें साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन करें। एक बड़ा और सफल व्यक्ति भी बिना अनुशासन के समाज को अपनी ओर आकर्षित करने में नाकाम साबित होता है। दूसरी तरफ क्या कोई विद्यार्थी कक्षा में पढ़ाई के समय ऊछल - कूद करता अच्छा दिखेगा, जब वह गलत शब्दों का इस्तेमाल करे, अध्यापक एवं विद्यार्थीयों के साथ गलत व्यवहार करेगा तो अच्छा लगेगा? बिल्कुल नहीं - कुछ समय बाद ही उसकी घटिया हरकतें लोगों में 'मखौल' उड़ाने लायक बन जायेगी। परन्तु यही है जो प्रत्येक छात्र या व्यक्ति के अनुशासित जीवन की नींव है अब वह अच्छी है या बुरी यह स्वयं के व्यवहार पर निर्भर करती है।
अब इन सभी बातों से हटकर एक बात यह भी है कि कई बार हम स्वयं को घर या स्कूल में तो पूर्णतः अनुशासित रखते हैं चाहे वह हमारा व्यवहार हो या फिर हमारी वाणी। परन्तु जब हम कहीं बाहर जाते हैं या दोस्तों के साथ घूमने जिले हैं तो वहां अनुशासन भूल जाते हैं, तो इसका साफ मतलब यह हुआ कि हम घर में केवल डर - भय के कारण ही अनुशासन में रहते हैं जबकि वास्तव में हमारे अंदर अनुशासन नामक गुण की कमी है, तो ऐसा करके हम दूसरों की बजाय स्वयं को धोखा देने में लगे हैं।
इसलिए अन्ततः यही कहना ठीक रहेगा कि हम स्वयं की आदत अनुशासन में रहने की बनायें, अनुशासन का महत्व समझें उसे सीखें और अपने जीवन में उतारें।

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