सोमवार, 16 जनवरी 2017

विद्यार्थी जीवन में नशा एक अभिशाप

Posted by बेनामी
मनुष्य जीवन ईश्वर का दिया हुआ वह अनमोल तोहफा है जिसे कोई भी व्यक्ति बर्बाद करना नहीं चाहता। हम यही चाहते हैं कि हमारा जीवन आनंद और खुशी के साथ बीते। ऐसे में कौन चाहेगा कि वह अपने ही पैसे से जीवन में कष्ट और बुराइयां खरीदे। लेकिन आज यह सब वास्तविकता में बदलता जा रहा है। जहां व्यक्ति एक तरफ धन की बर्बादी कर रहा है और दूसरी तरफ अपने शरीर और सम्मान की। इस बात का मूल कारण है -'नशा' आजनशे का चलन समाज में इस प्रकार फैल चुका है जिसने युवा,विद्यार्थी और यहां तक कि उम्र दराज लोगों को अपना गुलाम बना लिया है। चाहे वह नशा किसी भी रूप में क्यों न हो। क्योंकि नशे को बड़ा - छोटा कहना गलत होगा। नशा तो नशा है उसे किसी भी प्रकार से कम नहीं आंक सकते। अब चाहे वह सिगरेट हो या फिर शराब। यदि कोई कहे कि सिगरेट तम्बाकू तो मामूली नशा है। तो यह कहना सरासर गलत होगा क्योंकि यही चीजें हैं जो नशे की जड़/नींव है। और हम इस बात को अच्छे से जानते हैं कि किसी भी वस्तु के आधार, नींव को कितनी गौर से लगाया जाता है। और हम देख सकते हैं कि कोई व्यक्ति नशे की नींव इस तम्बाकू और सिगरेट की वजह से कितनी बारीकी से ढ़ाल रहा है। यहां बात विद्यार्थी जीवन की हो रही है। और जहां नशे ने विद्यार्थी को भी अपने चंगुल में फंसा लिया है। और इस विद्यार्थी जीवन में नशा सबसे बड़ा अभिशाप बन चुका है। लेकिन साफ - साफ सवाल किया जाए तो क्या कारण हो सकता है कि ज्यादातर विद्यार्थी नशे को चुनने में जरा भी चूक नहीं करता विचार कीजिए - •कहीं आपने नशे को शान/बड़ाई समझकर तो नहीं चुना है। •कहीं आपने मौज-मस्ती का एक मात्र जरीया नशे को तो नहीं समझ लिया है। •कहीं आप चिंता मुक्त होने के लिए नशे को तो सही नहीं ठहरा रहे हैं। देखिये विद्यार्थियो नशे का चुनाव करते समय ये बातें शायद ही दिमाग में आये या फिर कोई इनकी गहराई में जाकर विचार करें। लेकिन एक विद्यार्थी के नजरिये से देखें तो ये बातें सच जान पड़ती है। क्योंकि एक विद्यार्थी स्कूल, कॅालेज में अपने साथियों की देखादेखी और उनके बार - बार मनाने पर विद्यार्थी समझदार होकर भी नासमझी वाला कदम उठा लेता है। और स्वयं को नशे से जोड़ लेता है, बस इसी क्षण से वह नशे को अपने दोस्तों के सामने शान समझता है। धीरे धीरे यह नशा ही उसकी मौज मस्ती का मुख्य हिस्सा बन जाता है। क्योंकि ज्यादातर विद्यार्थियो को घर से बाहर रहने पर कहने - सुनने वाला भी कोई नहीं होता, जिसे वे फायदे का मौका समझते हैं। आखिर उन्हें मालूम होता है कि यह नशा जिन्दगी में कलंक है। अब अधिकतर विद्यार्थी नशा यह समझकर करते हैं कि वे इससे चिंता मुक्त हो जायेंगे। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल गलत होगा। क्योंकि नशे के बल पर हम स्वयं को कुछ देर तो चिंता से मुक्त कर लेंगे लेकिन कभी आपने सोचा कि इसका भविष्य में हमारे जीवन में कितना बूरा असर होगा। चिंता केवल कुछ पल के लिए है जिसे हम अपनी मेहनत और मानसिकता से दूर कर सकते हैं लेकिन सोचिये यदि नशे की लत मामूली बात को लेकर लगा ली जाए तो यह पूरी जिंदगी को बर्बाद कर के रख देगा। नशा एक ऐसी बुराई है जिससे धन,तन/स्वास्थ्य की बर्बादी तो होती ही है लेकिन जिससे व्यक्ति की इज्जत भी मिट्टी में मिल जाती है। क्यों कि प्रत्येक बुराई की जड़ नशा है। इसलिए बेहतर यही रहेगा कि नशे से हमेशा दूर रहा जाए इसी में ही भलाई है। प्रिय विद्यार्थियो आपको यह लेख कैसा लगा अवश्य लिखें आपकी राय हमें ओर बेहतर लिखने में मदद करेगी।

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